Ranchi: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी अमन साहू को चाइबासा पुलिस के सहयोग से रायपुर पुलिस 13-14 अक्टूबर की रात साथ ले गई. चाइबासा पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच राज्य की सीमा पर अलग बैकअप टीम के सहयोग से रायपुर स्थित क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचाया. चाइबासा जेल में गैंगस्टर अमन साहू को प्रोडक्शन वॉरंट पर रायपुर लाया गया है. सोमवार को अमन साहू को कोर्ट में पेश कर पुलिस उसकी रिमांड मांगेगी. अमन से कोल कारोबारी की हत्या सहित कई मामलों में पूछताछ की जाएगी. अमन साहू से पीआरए ग्रुप के दफ्तर और कोयला कारोबारी के घर, कार्यालय की रेकी कर उसकी हत्या करने की साजिश के संबंध में पूछताछ की जाएगी. बताया जाता है कि इससे पूर्व भी गैंगस्टर अमन साहू को प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाने कोर्ट से कई बार प्रोडक्शन वारंट रायपुर पुलिस हासिल कर चुकी है. लेकिन सुरक्षा और बल की कमी के चलते पुलिस व स्थानीय जेल प्रशासन रायपुर पुलिस को खाली हाथ लौटा दी थी. जेल में बंद अमन साहू अपने गैंग को ऑपरेट करता है. गैंगस्टर अमन के खिलाफ विभिन्न थाना में करीब 90 मामले दर्ज हैं.
झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यो में गुर्गे के जरिये लेवी वसूली का चलता है कारोबार
13 जुलाई को सड़क और कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े तेलीबांधा रिंग रोड स्थित पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर अमन साहू के गुर्गों ने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद पुलिस को ने अमन साहू और मलेशिया में बैठे मयंक सिंह गैंग के कई शूटरों समेत सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था इससे पहले 23 मई को रायपुर में एक बड़े कोयला कारोबारी की हत्या करने के इरादे से पहुंचे इस गैंग के चार शूटरों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. गैंगस्टर अमन साहू अपने गुर्गों के जरिए लेवी वसूलने टारगेट में लिए छत्तीसगढ़, झारखंड समेत अन्य राज्यों में सड़क निर्माण का ठेका लेने वाले प्रहलाद राय अग्रवाल को मारने के इरादे से नहीं बल्कि डराने के लिए फायरिंग कराई थी, ताकि घटना के बाद डरकर कारोबारी आसानी से लेवी दे सके.