Ranchi: पतरातु और बड़कागांव इलाके में माईस संचालक, ट्रॉसपोर्टर, ठेकेदारों, कारोबारी से लेवी वसूली का काम करने वाले पांडेय गिरोह के 10 गुर्गे को रामगढ़ पुलिस गिरफ्तार किया है. पकड़े गये आरोपी अधिकतर तीन-चार महीना पूर्व ही पांडेय गिरोह में शामिल हुआ है. आठ लोग पाँच हजार रूपया प्रति महीना व पाँच सौ रूपया प्रति विजिट के आधार पर संगठन में बाउंसर के रूप में काम कराया जाता है. गिरफ्तार आरोपी में बड़कागांव थाना क्षेत्र के नापोखुर्द के रहने वाले सुनील कुमार साव, सुरत कुमार दारा, गिद्दी थाना क्षेत्र के पुराना बुध बाजार के रहने वाले राजविन्दर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलु, मोहित कुमार ठाकुर, ब्रजेश कुमार, रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र के सूर्य मंदिर कॉलोनी के रहने वाले वशिष्ट कुमार उर्फ बिट्टु, राजवीर सिंह, प्रेम कुमार, हरप्रीत सिंह और मांडू थाना क्षेत्र के आरा डुमरवेडा के सरफराज अहमद का नाम शामिल है. आरोपी के निशानदेही पर धमकी में प्रयुक्त किया गया मोबाईल सहित 11 मोबाइल, 1.41 लाख नगद, एक देशी कट्टा, दो गोली, निर्माण स्थल पर जाकर आरोपी द्वारा खीचा गया ग्रुप फोटोग्राफ और कंपनी संचालको का मोबाइल नम्बर लिखा एक डायरी पुलिस ने बरामद किया है. रविवार को घटना की जानकारी देते हुए रामगढ़ एसपी ने बताया कि बरका सयाल डी सीसीएल एरिया में किये जा रहे रोड निर्माण कार्य में पाण्डेय गिरोह के सदस्यों द्वारा बंदुक का भय दिखाकर धमकी देने व लेवी माँगने के आरोप में पतरातु (भुरकुण्डा) थाना (कांड संख्या-294/2024) मामला दर्ज किया गया था. अपराधियो की गिरफ्तारी के लिये पतरातु एसडीपीओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. गठित टीम लगातार छापेमारी व तकनीकी साक्ष्य संकलन कर इस घटना में धमकी के लिए प्रयोग किया गया मोबाईल को बरामद किया गया. इसके बाद शामिल 10 आरोपी को गिरफ्तार किया गया. राजविन्दर सिंह के पास से अन्य मामलों में रंगदारी का 1.41 लाख रूपया व हथियार बरामद किया गया. जिस संबंध में पतरातु (भु) थाना (कांड सख्या-301/2024) में मामला दर्ज किया गया. गिरफ्तार आरोपी जेल में बंद पाण्डेय गिरोह के प्रकाश साव एवं मुकेश साव उर्फ पठान के सम्पर्क में संगठित रूप में पतरातु और बड़कागांव अनुमण्डल क्षेत्र के माईस संचालक, ट्रॉसपोर्टर, ठिकेदार एवं कम्पनी संचालकों को डरा-धमका कर लेवी वसुलने का काम करता था. जिसमें सुनील कुमार फोन कर धमकी देता था एवं राजविंदर व मोहित संचालकों से पैसा रिसिव कर संगठन को पहुँचाना था. लेवी का पैसा देने में टाल-मटौल करने की स्थिति में अन्य आरोपी निर्माण स्थल पर जाकर डराने-धमकाने का काम करता था. डराने-धमकाने व काम बंद करवाने से संबंधित फोटोग्राफी कर गुर्गे जेल में बंद प्रकाश साव के पास धमकाने का प्रमाण के रूप में भेजता था. गिरफ्तार आरोपी अपने-अपने अपराध स्वीकारोक्ति बयान में इस घटना के साथ-साथ अन्य कई जगहों पर जाकर धमकी देने व रंगदारी मांगने की संलिप्तता स्वीकार किया है.