Ranchi: झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर उसमें 10.40 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 85 लाख नगद रुपये ओर 15 लाख के ज्वेलरी बरामद किया है. एटीएस एसपी ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में बनी एसआईटी और सीआईडी की टीम अनुसंधान के क्रम में बिहार के पटना जिले के रूपसपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर जेटीडीसी गिरजा प्रसाद सिंह और रांची के लटमा रोड स्थित हरिगोपाल अपार्टमेंट के रहने वाले तत्कालीन कैनरा बैंक के शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. पूछताछ के क्रम में इन दोनों ने इस काण्ड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए अन्य साजिशकर्ता के नाम तथा उनकी संलिप्ता के बारे में जानकारी दी. इसके बाद पुलिस बोकारो जिले के सेक्टर 8ए के रहने वाले रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार एवं रांची के डिबडीह ऊपर दाउदनगर के रहने वाले लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. इन साजिशकर्ताओं की निशानदेही पर करीब 85 लाख नकद तथा15 लाख रूपये के सोने के गहने (प्राप्त कमीशन के पैसों से) बरामद किया गया.
धुर्वा ओर सीआईडी थाना में दर्ज है मामला, साईबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी शिकायत
झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर उसमें 10.40 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के मामले महाप्रबंधक (वित्त) ने 28 सितंबर को धुर्वा थाना (काण्ड सं0-284/ 24) मामला दर्ज कराया था. इसमे जेटीडीसी के गिरजा प्रसाद, आलोक कुमार और कैनरा बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार को नामजद आरोपी बनाया गया था. 4 अक्टूबर को सीआईडी थाना (काण्ड सं0-41/24) मामला दर्ज किया गया. वही डीजीपी ने इस काण्ड के अनुसंधान के लिए अविलम्ब एक एसआईटी का गठन किया. जिसमें एटीएस एसपी ऋषव कुमार झा, तीन एएसपी तथा सीआईड की टीमों को शामिल किया गया.
उल्लेखनीय है कि 3 अक्टूबर को जीएम फाईनेंस झारखण्ड टुरिज्म डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 10.4 करोड़, झारखण्ड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 9 करोड़ रूपये के धोखाधड़ी कर फर्जी अकाउण्ट के द्वारा निकासी की शिकायत नेशनल साईबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज कराई गई तथा 4 अक्टूबर को झारखण्ड उर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा 40.5 करोड़ तथा झारखण्ड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 56.5 करोड़ की राशि का फर्जी अकाउन्ट के द्वारा निकासी की शिकायत पोर्टल पर दर्ज करायी गई. इन सभी शिकायतों के आधार पर सीआईडी में काण्ड दर्ज कर एसआईटी के द्वारा अग्रतर अनुसंधान सरकारी राशि को विभिन्न बैंक अकाउण्टों में फ्रिज तथा छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. अनुसंधान के क्रम में एनसीसीआरपी पोर्टल / साईबर क्राईम थाना, सीआईडी के द्वारा I4C (Indian cyber crime co-ordination centre) तथा विभिन्न बैंकों के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर अकाउण्ट फ्रिजिंग की कार्रवाई के साथ-साथ फर्जी अकाउण्टों के उद्भेदन की कार्रवाई भी की जा रही है. अभी तक कुल 300 (तीन सौ) विभिन्न फर्जी अकाउण्टों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें से सबसे ज्यादा फर्जी अकाउण्ट उत्कर्ष स्मॉल फाईनांस बैंक में खोले जाने की बात प्रकाश में आई है. अब तक के अनुसंधान में SIT के द्वारा लगभग 39 करोड़ 70 लाख रूपये विभिन्न खातों में फ्रिज किये गये है। अग्रतर अनुसंधान जारी है.