Ranchi: चतरा के गनियोतरी जंगल में बीते बुधवार की शाम पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हरेंद्र गंझू और ईश्वरी गंझू पर तीन दर्जन केस दर्ज हैं. चतरा, हजारीबाग जिला एवं अन्य क्षेत्रों में भय एवं आतंक का माहौल बनाने वाले टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के सब-जोनल कमाण्डर कई काण्डों वांछित था. झारखण्ड को नक्सल मुक्त राज्य बनाने के लिए डीजीपी के निर्देशन में नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में चतरा एसपी को गुप्त सूचना प्राप्त हुई की प्रतिबंधित टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के सब-जोनल कमाण्डर हरेन्द्र गंझू अपने दस्ता सदस्यों के साथ सदर थाना क्षेत्र के मंगरदाहा गांव के जंगली क्षेत्र में भ्रमणशील है तथा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में हैं. इस सूचना पर चतरा एसडीपीओ के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया. उक्त छापामारी दल त्वरीत कार्रवाई करते हुए सघन छापामारी अभियान के दौरान गनियोतरी गांव के जंगली क्षेत्र में टीपीसी उग्रवादी दस्ता के साथ हुई मुठभेड हुई. जिसमे चतरा जीप के सदर थाना क्षेत्र के कारी देवरिया गांव निवासी सब-जोनल कमाण्डर हरेन्द्र गंझु एवं कुंदा थाना क्षेत्र के भुटकुईया निवासी दस्ता सदस्य ईश्वरी गंझू उर्फ घुटारी गंझु मुठभेड़ में मारा गया. वही गोपाल गंझू नामक एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया. गोपाल गंझू पर आधा दर्जन मामले दर्ज है.मौके पर से एक एके 47, तीन गोली, एक देसी कट्टा, .315 का एक मिस फायर गोली, खोखा, एक बाइक, चार मोबाईल सहित अन्य समान पुलिस ने बरामद किया है. वर्तमान में सर्च अभियान जारी है.
झारखण्ड पुलिस का भाकपा माओवादी एवं टीएसपीसी संगठन से अपील
चतरा पुलिस का नक्सलियों से अपील है कि नक्सलियों का समय खत्म हो चुका है. ये किसी न किसी दिन पुलिस की गोली का शिकार होगें. वे हिंसावादी विचारधारा को छोड़कर झारखण्ड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति की “नई दिशा” का लाभ लेकर मुख्य धारा से जुड़े अन्यथा कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहे. सभी नक्सली सरकार द्वारा दी जा रही इस सुविधा का लाभ उठायें एवं नक्सलवाद विचारधारा को त्याग मुख्यधारा में शामिल हों.