संवाददाता
Dumka: संताल हुल अखड़ा के तत्वधान में रानेश्वर प्रखंड के दिगुली गांव में स्थित संताल हुल के ऐतिहासिक शहीद स्थल संताल काटा पोखर में 169 वाँ संताल परगना स्थापना दिवस बहुत धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दिन की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता बहुत खास है क्योंकि यह दिन भारतीय इतिहास के उस अध्याय से जुड़ा है, जब आदिवासी समुदाय ने अपने अस्तित्व, अधिकार और अस्मिता की रक्षा के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ एक अद्वितीय संघर्ष किया था. संताल हुल (1855) के विद्रोह के परिणामस्वरूप, ब्रिटिश सरकार को मजबूर होकर संताल परगना नामक एक अलग प्रशासनिक क्षेत्र का गठन करना पड़ा. इस क्षेत्र को विशेष रूप से संताल आदिवासियों के अधिकारों और उनके सांस्कृतिक, सामाजिक और भूमि संबंधी अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया था. संताल परगना की स्थापना का सीधा संबंध 1855 के संताल हुल (संताल विद्रोह) से है. यह विद्रोह ब्रिटिश हुकूमत, स्थानीय ज़मींदारों और महाजनों के अत्याचारों के खिलाफ सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चाँद मुर्मू, भैरव मुर्मू,फूलो मुर्मू और झानो मुर्मू के नेतृत्व में हुआ था।जो सभी एक ही परिवार के थे. संताल आदिवासी समुदाय अपनी भूमि, जल, जंगल और आजीविका की सुरक्षा के लिए एकजुट हुआ और ब्रिटिश प्रशासन के खिलाफ एक सशक्त आंदोलन खड़ा किया.
इस पावन अवसर में संताल हुल के ऐतिहासिक शहीद स्थल संताल काटा पोखर में सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चाँद मुर्मू, भैरव मुर्मू,फूलो मुर्मू और झानो मुर्मू के साथ संताल काटा पोखर में शहीद गुमनामो के नाम आदिवासी रीतिरिवाज के साथ श्रद्धांजलि दिया गया.उसके बाद भारत सेवाश्रम संघ के नित्याब्रोतानंद,गोविंदपर पंचायत मुखिया रानी मरांडी,विधुत एक्सक्यूटिव अभिताभ बच्चन सोरेन,गौतम चटर्जी,डॉ अब्दुल रहीस खान,डॉ असीम लायक आदि ने अपना व्यक्तव्य रखे.
उसके बाद नाच गीत का कर्यक्रम किया गया.
सभी संगठनो ने मिलकर निम्नलिखित मांगे रखे :
(1)संताल परगना स्थापना दिवस को राजकीय और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिले.राजकीय और राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाय.
(2)सरकार,प्रशासन संताल काटा पोखर में संताल परगना स्थापना दिवस पर राजकीय कार्यक्रम आयोजित करें.
(3)संताल काटा पोखर में शहीद स्तम्भ बनाया जाय.
(4)संताल काटा पोखर का सुन्दरीकरण किया जाया.होडिंग और लोहे के ग्रिल का मरम्मति किया जाय.
(5)संताल काटा पोखर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाय.(6)संताल काटा पोखर में स्वतंत्रता सेनानी सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चाँद मुर्मू, भैरव मुर्मू,फूलो मुर्मू और झानो मुर्मू का प्रतिमा लगाया जाय.
कार्यक्रम को सफल करने में भारत सेवा आश्रम संध,सरी धर्म अखड़ा,प्रागैनेत राम सोरेन मेमोरीयल ट्रस्ट, दिसोम मरांग बुरु संताली अरी चली आर लेगचर अखड़ा,दिसोम मरांग बुरु युग जाहेर अखड़ा ने सहयोग किया. इस अवसर में सीमल हांसदा,सुनील मुर्मू,राज किशोर मरांडी,तामङ बास्की,बबलू हांसदा,बिमल हांसदा,अनुप हेम्ब्रम,ब्लू हेम्ब्रम,बाबुसोना मरांडी,लाल बाबू मुर्मू,रसुनाथ मुर्मू,राजकिशोर मुर्मू आदि उपस्थित थे.