Ranchi: झारखंड में चुनाव के बीच झारखंड ब्यूरोक्रेसी में उलटफेर हो सकता है. करीब आधा दर्जन आईएएस और आईपीएस को निर्वाचन आयोग बदलने की तैयारी में है. कई अहम पदों पर बड़े फेरबदल पर ब्यूरोक्रेसी में बदलावों की चर्चा तेज हो गई है. मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही चुनाव आयोग झारखंड में अहम फैसले ले सकता है. इन फैसलों में झारखंड के ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की पूरी संभावना है. 31 अक्टूबर को राज्य के मुख्य सचिव एल खयांग्ते रिटायर हो रहे हैं. चर्चा है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटी झारखंड कैडर के आईएएसअपर मुख्य सचिव अलका तिवारी मुख्य सचिव के पद को संभाल सकती हैं. पुलिस महकमे में भी शीर्ष पद पर तबादले की तलवार लटक रही है. पुलिस-प्रशासन को संभालने वाले बड़े आईएएस अधिकारी को भी चुनाव तक के लिए बदला जा सकता है. एक एसएसपी को भी चुनाव आयोग हटा सकता है.
चुनाव आयोग को संविधान से मिली हैं शक्तियां
चुनाव आयोग का गठन देश के संविधान के तहत किया गया है. यह एक संवैधानिक संस्था है. संविधान के अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग के कार्यों के बारे में लिखा है. अनुच्छेद में निष्पक्ष और रूप से स्वतंत्र रूप से चुनावों के संचालन और निर्वाचक नामावली का जिक्र है. संविधान के तहत जो शक्तियां चुनाव आयोग को मिली है, उसमें उसे कानून के मुताबिक पारदर्शिता से लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनाव कराने का अधिकार हासिल है. चुनाव कराने के लिए आयोग लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के साथ तालमेल बिठाकर काम करता है.
