Patna: बिहार में भागलपुर के पास पीरपैंती में थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट तैयार होने जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि पूरी तरह से निजी क्षेत्र के निवेश से तैयार होने वाला यह पहला प्रोजेक्ट है. जिसे राज्य सरकार अपने स्तर पर विकसित करवा रही है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके लिए ऊर्जा क्षेत्र की चार बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है. इसमें अदानी पॉवर, जेएसडब्लू इनर्जी, टॉरेंट पॉवर और बजाज समूह की ललित पॉवर कंपनी शामिल हैं.
टेंडर की तमाम प्रक्रियाओं को पूरी करके अंतिम रूप से सफल होने वाली इनमें किसी एक कंपनी का चयन होगा. विभाग से प्राप्त सूचना के मुताबिक, 2 जुलाई तक बिड दस्तावेजों की बिक्री की अंतिम तारीख रखी गई है. 11 जुलाई को तकनीकी और 16 जुलाई को वित्तीय बिड खोलने की तारीख रखी गई है. दोनों चरणों में उपर्युक्त कंपनी का चयन होने के बाद 30 दिनों के अंदर लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) या कार्य शुरू करने का अधिकार पत्र जारी कर दिया जाएगा. विभाग के स्तर से 17 जून को निविदा से संबंधित आवेदन आमंत्रित किए गए थे. ई-बिडिंग के माध्यम से आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 25 जून थी.

800 मेगावॉट के तीन प्लांट होंगे यहां

इस प्रोजेक्ट में 800 मेगावॉट क्षमता के तीन प्लांट यानी कुल 2400 मेगावॉट क्षमता के प्लांट स्थापित किए जाएंगे. पीरपैंती में इस प्रोजेक्ट के लिए 1203 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है. इसकी नोडल एजेंसी बिहार स्टेट पॉवर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीजीसीएल) बनाई गई है. इस वर्ष 4 फरवरी को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे विकसित करने से संबंधित प्रस्ताव पर अंतिम तौर से मुहर लगी थी. इस पॉवर प्लांट को समुचित तरीके से संचालित करने के लिए प्रति वर्ष 10.43 मीलियन टन कोयला की आवश्यता पड़ेगी. कोयले की निरंतर आपूर्ति के लिए पास में मौजूद इस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड (ईसीएल) के एक कोल ब्लॉक को भी लिंक कर दिया गया है. जबकि 60 क्यूसेक पानी की आपूर्ति के लिए गंगा नदी से लिंक देने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है. इस पर राज्य सरकार को सहमति देनी है.

दोनों पॉवर कंपनियों को मिलेगी बिजली

पीरपैंती पॉवर प्लांट से उत्पन्न होने वाली बिजली बिहार की दोनों पॉवर कंपनियों उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार पॉवर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड को सप्लाइ की जाएगी. यहां से उत्पन्न होने वाली अतिरिक्त ऊर्जा को सीधे खुले बाजार में भी बेचा जाएगा. अतिरिक्त बिजली उत्पन्न होने से सूबे में कृषि और उद्योग के क्षेत्र को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी.

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