मनोज कुमार शर्मा
Patna: राजद का इतिहास पाक साफ कभी नहीं रहा, घोटालों और भ्रष्टाचार से लालू यादव और उनके परिवार का नाम अक्सर जुड़ते रहा है लेकिन चुनावों के समय ही इन मामलों की सुनवाई और कार्रवाई से राजद वोटरों के बीच यही संदेश जायेगा कि चुनावों में हराने और परेशान करने के लिये ये सब किया जा रहा है और ये वोटर और मजबूती से राजद के साथ खड़े होंगे. यही गलती झारखंड चुनावों में भी केंद्र ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ की थी आनन फानन में कार्रवाइ करते हुये उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. इससे हेमंत सोरेन और ताकतवर होकर सीएम बने, एनडीए के समक्ष एक और नेत्री कल्पना सोरेन खड़ी हो गयीं. अब हेमंत सोरेन के खिलाफ वो सभी आरोप ठंढे बस्ते में चले गये. कार्रवाइ और सुनवाइ की वो तेजी गायब है. क्या बिहार में भी वही गलती दोहरायी जा रही है?
बिहार में अभी चुनावी सरगर्मी है, सीटों के बंटवारे और रूठने मनाने का खेल चल रहा है इसी बीच लालू यादव और उनके परिवार पर आइआरसीटीसी घोटाले के आरोप में दिल्ली की विशेष अदालत में सुनवाई शुरू हो गयी. बेशक किसी पर कोई बड़ा आरोप है तो कानून और कोर्ट अपना काम करेगा ही, लेकिन 2004 से 2014 के बीच के मामले को इतने सालों तक ठंढे बस्ते में डाल कर अब अचानक चुनावों के समय ही सुनवाई से आमलोगों के मन में संशय होता है कि केंद्र सरकार चुनावों में लाभ के लिये ये सब करवा रही है. तेजस्वी यादव ने तो कहा भी कि चुंकि चुनाव है तो हमारे खिालाफ रोज नये षडयंत्र किये जायेंगे.
राजद एक पारिवारिक पार्टी है जिसमें लालू यादव एंड फैमिली इसे संचालित करते हैं और इस परिवार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. लालू यादव तो सजा भी काट चुके हैं, इससे बाद भी उनका समर्थक टस से मस नहीं हुआ है. विधानसभा चुनावों में राजद का एमवाइ आज भी लालू यादव के साथ है और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है जो एनडीए को डराये रखता है.
क्या है आइआरसीटीसी घोटाला?
वर्ष 2004 से 2014 के बीच लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुये रांची और पुरी के रेलवे के होटलों को निजी कंपनी सुजाता होटल्स को नियम कानून को धत्ता बता कर ठेके पर दे दिया और इसके एवज में सुजाता होटल्स ने ने रिश्वत के तौर पर लालू यादव को सस्ती जमीन उपल्ब्ध कराये। इन्हीं आरोप की जांच सीबीआइ कर रही है. जिसमें आइआरसीटीसी के बड़े अधिकारियों से लेकर लालू यादव के परिवार से जुड़ी कंपनियों और सुजाता होटल्स के मालिक शामिल हैं.
बिहार में भ्रष्टाचारी या अपराधी मफिया होना कोई मुद्दा नहीं होता। यहां के वोटर अमूमन अपनी जाति पर वोट करते हैं. अब चुनाव के समय आइआरसीटीसी घोटाले की सुनवाइ से लालू, राबड़ी, तेजस्वी परेशान होंगे , पर उनके वोटर उनके साथ और मजबूती से खड़े रहेंगे.
