Patna: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण सम्पर्क योजना के तहत बिहार के गांवों के छूटे हुए वैसे टोलों व बसावटों को, जिसकी आबादी 100 या उससे भी कम है, को भी बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने की योजना ने गांवों की सूरत बदल दी है. इस योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने राज्य के कुल 11,020 का सर्वे कराकर 14,002.33 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है. जिसमें 5033 बसावटों व टोलों को बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने की विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी. जिसमें 1344 टोलों को पक्की सड़क से जोड़ा जा चुका है. ऐसे छोटे टोलों में बन चुकी ग्रामीण सड़कों की कुल लम्बाई 1486.71 किमी है। ये ऐसे छोटे-छोटे टोले और बसावट हैं, जिनकी आबादी 100 लोगों या उससे भी कम है.

दरअसल, राज्य सरकार के सामने राज्य की लगभग एक लाख, तीस हजार से भी अधिक बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ने की चुनौती थी. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सबसे पहले एक हजार या उससे अधिक आबादी वाले बसावटों को ही पक्की सड़क से जोड़ने की योजना बनाई गई थी. ऐसे में राज्य सरकार ने पहले चरण में 500 से लेकर 999 की आबादी वाले टोलों को भी पक्की बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए राज्य निधि से वर्ष 2005-06 में ही मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी. बता दें कि बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने एक हजार से भी कम आबादी वाले टोलों को पक्की सड़कों से जोड़ने का अभियान शुरू किया था. बाद में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में उग्रवाद प्रभावित बिहार के 11 जिलों के 250 या उससे अधिक आबादी वाले बसावटों को भी इसके शामिल कर लिया गया.

जबकि बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों में सामान दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क सम्पर्क योजना वर्ष 2013-14 में शुरू की थी। जबकि वर्ष 2016-17 में राज्य सरकार के सात निश्चय पार्ट-1 में “हर घर तक पक्की गली और नाली योजना के तहत 100 से 249 तक की आबादी वाले टोलों को भी बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए ग्रामीण टोला सम्पर्क निश्चय योजना की शुरुआत की. जिसके तहत 4643 बसावटों को संपर्कता प्रदान करने के लिए कुल 3966 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया गया. इन योजनाओं का परिणाम है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से अबतक कुल 56,640 बसावटों को संपर्कता प्रदान करते हुए 53,575 किम सड़कों का निर्माण किया जा चुका है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना, ग्रामीण टोला सम्पर्क निश्चय योजना एवं अन्य योजना के तहत 62,728 बसावटों को संपर्कता प्रदान करने के लिए लगभग 64,430 किमी सड़क का निर्माण किया जा चुका है. यानी कुल मिलाकर राज्य में एक लाख, 19 हजार,368 बसावटों को संपर्कता प्रदान करते हुए कुल एक लाख, 18 हजार, 005 किमी लम्बाई की ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो चुका है.

अब 100 लोगों की आबादी वाले छूटे हुए टोलों को मिली संपर्कता

राज्य के सभी 38 जिलों में 100 लोगों की आबादी वाले छूटे बसावटों व टोलों को सड़क संपर्कता प्रदान करने के लिए वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सम्पर्क योजना (अवशेष) की शुरुआत की गई. जिसके अंतर्गत कुल 13,814 बसावटों में 16,652 किमी सड़क अनजुटे पाए गए. जिसमें अबतक कुल 5033 बसावटों में 1344 बसावटों को पक्की बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है. इन सड़कों की कुल लम्बाई 1486.71 किमी है.

इन जिलों की छोटी आबादी वाले टोलों को मिली है सर्वाधिक सड़क संपर्कता

जिला      बसावटों की संख्या             सड़क की लम्बाई (किमी में)

कैमूर        147                                   128.59

औरंगाबाद     137                                    139.59

पूर्वी चंपारण    121                                   196.72

गयाजी         69                                    96.97

बांका           83                                   95.76

रोहतास        68                                    50.97

जमुई          54                                  72.75

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


You missed