Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्टिव हो गया है. स्वास्थ्य विभाग सिविल सर्जन सहित 2 अधिकारी को निलंबित कर दिया है. पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा ज़िले के सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 7 वर्षीय बच्ची के एचआईवी संक्रमित पाए जाने के मामले में झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने लापरवाही बरतने के आरोप में चाईबासा के सिविल सर्जन और मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसीएमओ को सिविल सर्जन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

बता दे कि रविवार को सीएम मामले को लेकर सिविल सर्जन समेत अन्य अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया था. राज्य के सभी ब्लड बैंक का ऑडिट कराकर पांच दिनों में रिपोर्ट मांगा गया है. साथ ही पीड़ित बच्चों के परिजनो को 2-2 लाख की सहायता राशि देने की बात कही है.

उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन

घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव डॉ. नेहा अरोड़ा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की गई है. इस टीम में 6 सदस्य होंगे. यह टीम पूरे मामले की गहराई से जांच कर विस्तृत रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी. टीम को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही रोकने के लिए आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक सुधारों की सिफारिशें प्रस्तुत करें.

आपात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सख्त निर्देश

रविवार को अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ आपात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इस बैठक में कारपोरेशन के एमडी श्री अबू इमरान और विभाग की विशेष सचिव डॉ. नेहा अरोड़ा भी मौजूद थीं. बैठक में स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया गया है. सभी जिलों में रैपिड किट से टेस्ट बंद कर नेट या ELISA जैसी लेटेस्ट मशीनों से जांच करने का आदेश दिया गया है. सभी सिविल सर्जनों को अपने-अपने ब्लड बैंक की जांच कर ऑडिट रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. सभी जिलों में ब्लड बैंक और लैब विभाग के रिक्त पदों पर तत्काल बहाली और सभी ब्लड बैंकों में ब्लड सेपरेटर और आधुनिक टेस्टिंग उपकरणों की उपलब्धता का निर्देश दिया गया है.

गंभीर प्रणालीगत चूक, तुरंत सुधार जरूरी-अपर मुख्य सचिव

अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने इस घटना को “गंभीर प्रणालीगत चूक” करार देते हुए कहा,“यह घटना बेहद चिंताजनक है. रैपिड किट द्वारा एचआईवी जांच तुरंत बंद करने और सभी जिलों में आधुनिक टेस्टिंग मशीनें अधिष्ठापित करने का निर्देश दिया गया है. ब्लड बैंक संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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