Ranchi: पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में मंगलवार को एडीजी अभियान डॉ० संजय आनन्द राव लाठकर अध्यक्षता में लैंगिक अपराध तथा पॉक्सो एक्ट से संबंधित लंबित कांडों, सीपीएमएस एप्लीकेशन द्वारा साक्षियों को कोर्ट में स-समय उपस्थापन एवं आपराधिक वादों में दोषमुक्ति संबंधी वादों में अपील दायर करने से संबंधित कांडों की समीक्षा के लिए बैठक की गई. बैठक में डीआईजी रेल प्रियदर्शी आलोक एवं डीआईजी सीआईडी संध्या रानी मेहता उपस्थित थी. वही जोनल आईजी, रेंज के डीआईजी, एसएसपी व एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे. समीक्षा के क्रम में एडीजी अपर अभियान ने महिलाओं के विरूद्ध होने वाले लैंगिक तथा पोक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज काण्डों के निर्धारित समय सीमा के अंदर निष्पादन के लिए व्यापक रूप से चर्चा की. जिन जिलों के निष्पादन स्तर में कमी पाया गया उन जिलों के एसपी को कांड के निष्पादन के लिए कई बिन्दुओं पर निर्देश दिया. मामले का निष्पादन त्वरित गति से करने एवं जिलों में प्रतिवेदित संवेदनशील कांडो की मॉनिटरींग करने के साथ सभी जोनल आईजी एवं रेंज के डीआईजी को भी अपने स्तर से अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया.
बैठक में आपराधिक वादों में दोषमुक्त, कम सजा वाले वादों की समीक्षा के लिए जिला, ईकाई में कार्यरत SIPU की स-समय समीक्षा करने के संबंध में सभी एसएसपी, एसपी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया. सभी डीआईजी को पिछले छः माह के आपराधिक मामले में दोषमुक्त या कम सजा मामले की भी समीक्षा करने को कहा है. एवं अपील योग्य मामले में निर्धारित समयावधि में अपील दायर करने का निर्देश दिया.
एडीजी अभियान ने सभी एसएसपी, एसपी को सीपीएमएस एप्लीकेशन द्वारा साक्षियों को कोर्ट में स-समय उपस्थित कराने के लिए विशेष रूप से निर्देश दिया. यह भी निर्देश दिया गया कि जिन वादों में पुलिसकर्मियों द्वारा गवाही नहीं दिये जाने के कारण अभियुक्त को सजा नहीं हो सका इसकी समीक्षा करे. साक्षियों की गवाही न्यायालय में ससमय सुनिश्चित करने को कहा है, विशेषकर पुलिस पदाधिकारी, कर्मियों की गवाही न्यायालय में स-समय सुनिश्चित कराने को कहा गया है. तथा वैसे पुलिस पदाधिकारी व कर्मी जो न्यायालय में अपनी गवाही के लिए किसी विशेष कारणवश उपस्थित नहीं हो पाते हैं. उनकी गवाही वीसी के माध्यम से कराने को कहा गया है. गवाही नहीं देने वाले पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए पुलिस मुख्यालय को अवगत कराने का निर्देश दिया गया. पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त सरकारी गवाह यदि गवाही के लिए न्यायालय में स-समय नहीं उपस्थित होते हैं, तो संबंधित विभाग के वरीय पदाधिकारी को सूचित करेंगे एवं आवश्यकतानुसार वीसी के माध्यम से भी उनकी गवाही सुनिश्चित करायेंगे.

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