Patna: आगामी प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक रोकने के लिए आर्थिक अपराध इकाई में परीक्षा शाखा का गठन किया गया है. गृह मंत्री द्वारा पुलिस मुख्यालय के विभिन्न प्रभागों के कार्यों की समीक्षा की गई. बिहार राज्य में संचालित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाओं की रोक-थाम के लिए आर्थिक अपराध इकाई कार्यवाही के लिए पूर्व से ही निर्दिष्ट किया गया है. इस क्रम में आर्थिक अपराध इकाई में परीक्षा शाखा संचालित है. राज्य में विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाओं में बढ़ोतरी से पूरे परीक्षा संचालन तंत्र पर कई सवाल उठते है, जिसके कारण परीक्षा तंत्र के साथ-साथ राज्य की छवि भी राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल होती है. साथ ही मेधावी छात्रों के प्रतिभा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा उनमें पूर्ण परीक्षा संचालन के तंत्र एवं व्यवस्थाओं के प्रति अविश्वास की भावना उत्पन्न होती है. परीक्षा लीक के मामलों में सम्मिलित संगठित गिरोहों, संलिप्त पदाधिकारियो, कर्मियों एवं इनके पूर्ण सहयोग तंत्र को समाप्त करने के लिए पटना आर्थिक अपराध इकाई इस संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई के लिए पूर्व से ही आर्थिक अपराध इकाई में “परीक्षा शाखा” का गठन किया गया है. निकट भविष्य में बिहार राज्य के विभिन्न परीक्षाओं से संबंधित परीक्षा आयोजन किया जा रहा है. इन परीक्षाओं पर किसी प्रकार की धांधली न हो पाए इन पर गृह मंत्री द्वारा आहूत बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई में कार्यरत “परीक्षा शाखा” को और सशक्त एवं सुदृढ़ करने के लिए आर्थिक अपराध इकाई एसपी के नियंत्रण में डीएसपी पर्यवेक्षण पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाता है. जो भावी प्रतियोगिता परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए यह शाखा 24×7 कार्य करेगी. इनके अतिरिक्त पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों की प्रतिनियुक्त किया गया है. परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक संबंधित किसी भी शिकायत के लिए आर्थिक अपराध इकाई स्थित कार्यरत सोशल मीडिया पेट्रोलिंग एवं मॉनिटरिंग यूनिट की भी सोशल मिडिया पर आवश्यक अनुश्रवण एवं आसूचना संग्रहण का निर्देश दिया गया है. इस कार्य के लिए आर्थिक अपराध इकाई में एक समर्पित रूप से मोबाईल नंबर  9031829067 एवं Email ID digeou-bih@gov.in पर सूचना करने के लिए निर्गत किया गया है.

नोटः- परीक्षा में कदाचार को रोकने के निमित The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act 2024 के तहत 10 साल तक का कारावास एवं एक करोड़ का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 में भी परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए कठोरतम् कानून बनाये गये हैं.

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