Patna: ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार में बनाई गई ग्रामीण सड़कें और पुल प्रदेश के लिए रक्त धमनियों का काम कर रही हैं. ग्रामीण सड़कों ने बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार दी है. इससे गांव से शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ी है और हमारे किसानों को बाजार उपलब्ध हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन सड़कों ने बिहार में प्रति व्यक्ति आय को सात हजार रुपये से बढ़ाकर 66 हजार रुपये तक पहुंचाया है. अब बिहार के किसानों की उपजाई सब्जियां दुबई और सिंगापुर भेजी जा रही हैं.
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा राज्य में पुल निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित चार चरणों की तकनीकी उन्मुखीकरण-सह-कार्यशाला श्रृंखला का अंतिम एवं महत्वपूर्ण चौथा चरण सोमवार को राजधानी के ज्ञान भवन में संपन्न हो गया. इस कार्यशाला में मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों से आये सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य अभियंता सहित विभाग के सभी वरिष्ठ अभियंताओं ने भाग लिया.

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश के मार्गदर्शन में 2005 से अब तक 1 लाख, 10 हजार किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। जो अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में जहां राज्य में सिर्फ 8 हज़ार किलोमीटर सड़कें थीं। वहीं अब इसकी लंबाई बढ़कर 1 लाख, 18 हज़ार किलोमीटर से भी अधिक हो गई है. ग्रामीण सड़कों और पुलों की महत्ता पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी भी राज्य की रक्त धमनियों की तरह कार्य करती हैं. जिससे राज्य की आर्थिक प्रगति लगातार बेहतर होती है. ग्रामीण सड़कों के निरंतर निर्माण से राज्य में किसानों की बाज़ार तक पहुंच आसान हुई है. जिससे बिहार के किसानों की उपज अब देश और विदेश में भी भेजी जा रही है. इससे हमारे किसान समृद्ध हो रहे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था लगातार प्रगति पथ पर अग्रसर हो रही है.

संबंधित अभियंता समय पर कार्य पूरा नही करने वाले अभियंता पर होगी कठोर कार्रवाई

कार्यक्रम में अभियंता प्रमुख-सह-अपर आयुक्त-सह विशेष सचिव भगवत राम ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की विस्तृत जानकारी क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्थित सभी अभियंताओं को दी. उन्होंने पुल निर्माण से संबंधित तकनीकी एवं समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया. विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा पुल निर्माण विषय पर पाइल फाउंडेशन और वेल फाउंडेशन जैसी तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की गई. प्रशिक्षण में बताया गया कि जब जमीन की सतह कमजोर होती है या जब भारी यातायात होता है, तब गहरी नींव की जरूरत होती है. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने गुणवत्तापूर्ण पुलों के निर्माण को लेकर सहायक अभियंताओं से लेकर मुख्य अभियंताओं को जरूरी दिशा-निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यदि संबंधित अभियंता समय पर कार्यों का निष्पादन नहीं करते हैं तो उनपर कठोर कार्रवाई की जाएगी. अपर मुख्य सचिव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 15, 23 एवं 25 जून को तीन चरणों में कनीय अभियंताओं, तकनीकी पर्यवेक्षकों, संवेदकों एवं उनके परियोजना (पुल निर्माण) अभियंताओं के लिए विशेष उन्मुखीकरण-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. आज यह कार्यक्रम इस शृंखला का अंतिम चरण है.

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