Ranchi: राजधानी रांची के नगड़ी इलाके में प्रस्तावित रिम्स-2 मेडिकल कॉलेज की जमीन को लेकर विवाद हो गया. भारी संख्या में ग्रामीण जमीन पर दावेदारी जताने के लिए पहुंचे, तो पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की. कड़ी नाकेबंदी और पुलिस की रोक के बावजूद कुछ ग्रामीण मौके तक पहुंचने में कामयाब रहे. झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के नेता देवेंद्र नाथ महतो अपने समर्थकों के साथ हल-बैल लेकर निर्माण स्थल पर पहुंच गए. किसानों का कहना है कि यह जमीन उनकी उपजाऊ खेती की है और सरकार बिना नोटिस दिए जबरन कब्जा करना चाहती है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज भी करना पड़ा. बताया जा रहा है कि करीब एक दर्जन जवान एवं कुछ महिला आरक्षी घायल हो गए. जिन्हें ईलाज के लिए सदर अस्पताल भर्ती किया गया. कुछ जवानों को बेहतर इलाज के लिए बरियातू हिल व्यू हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया और इलाके में अफरा-तफरी मच गई.

इलाके में लागू था निषेधाज्ञा

नगड़ी इलाके में प्रस्तावित रिम्स-2 मेडिकल कॉलेज की जमीन को लेकर विवाद को लेकर इलाके में निषेधाज्ञा लागू किया गया था. प्रशासन ने शनिवार शाम से ही पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी थी. नगड़ी जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई और मेडिकल कॉलेज की प्रस्तावित साइट के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गई. इसका मकसद था कि ग्रामीण बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा न हो सकें.

पूर्व सीएम हाउस अरेस्ट

आंदोलन की अगुवाई कर रहे पूर्व सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को हाउस अरेस्ट कर लिया गया. प्रशासन ने रविवार सुबह ही एहतियातन उनके आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया. इसके अलावे कई बीजेपी नेता को हिरासत में लिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि यह आंदोलन अस्पताल बनाने के खिलाफ नहीं है, बल्कि किसानों और आदिवासियों की जमीन छीने जाने के विरोध में है. उन्होंने पहले ही ऐलान किया था कि 24 अगस्त को वे हजारों किसानों के साथ हल चलाकर साबित करेंगे कि उन्हें खेती से कोई ताकत नहीं रोक सकती. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार के पास लैंड बैंक और बंजर जमीन है तो फिर उपजाऊ खेतों पर कब्जा क्यों किया जा रहा है.

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