Patna: बिहार सरकार के वाणिज्य कर विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अस्थायी तुलनात्मक राजस्व संग्रह रिपोर्ट (प्रोविजनल कंपरेटिव रेवेन्यू कलेक्शन) जारी कर दी गई है. जिसमें वसूले गए राजस्व में कुल 8.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. आंकड़े बताते हैं कि पेट्रोल से होने वाली राजस्व वसूली में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि बिहार सरकार की प्रभावी कर नीति और आर्थिक प्रबंधन से संभव हो सका है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीएसटी से 29,359.76 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.58 प्रतिशत अधिक है. इसमें एसजीएसटी से 9,911.68 करोड़ रुपये, आइजीएसटी सेटलमेंट से 19,370.02 करोड़ तथा सबस्यूम्ड टैक्स के बकाये संग्रह से 55.69 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है. इसके अतिरिक्त, 22.37 करोड़ की राशि मुआवजे के रूप में वसूली गई है.

गैर-जीएसटी संग्रह में 17.54 प्रतिशत की वृद्धि

राजस्व की मामले में गैर-जीएसटी श्रेणी में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. इस मद में 12,226.99 करोड़ रुपये का संग्रह किया गया है. जिसमें पेट्रोल से 10,516.05 करोड़, आबकारी शुल्क से 1,513.98 करोड़ और प्रोफेशनल टैक्स से 195.85 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है.

राजस्व लक्ष्य के करीब पहुंचा बिहार

बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 42,500 करोड़ के राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया था. जिसके मुकाबले 41,586.75 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है. जो निर्धारित लक्ष्य का 97.85 प्रतिशत है. यह प्रदर्शन राज्य सरकार की मजबूत राजस्व नीतियों और प्रशासनिक सुधारों का परिणाम बताया जाता है.

गौरतलब है कि 1 जुलाई, 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया गया था. उस समय बिहार वाणिज्य कर विभाग का कर संग्रह मात्र 17,236 करोड़ रुपये था. जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 41,586.75 करोड़ तक पहुंच गया है. बिहार जीएसटी संग्रह ग्रोथरेट के मामले में पूरे देश में पांचवें स्थान पर है. यह निरंतर वृद्धि बिहार सरकार की प्रभावी कर प्रशासन प्रणाली और आर्थिक रणनीति को दर्शाती है. बिहार सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से भविष्य में और अधिक राजस्व वृद्धि की संभावना है.

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