Patna:लखीसराय जिला में किसान कल्याण संवाद कार्यक्रम में शनिवार को डिप्टी सीएम-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने उद्घाटन किया गया. इस कार्यक्रम में सचिव कृषि श्री संजय कुमार अग्रवाल, विशेष सचिव डॉo विरेंद्र प्रसाद यादव, डीएम मिथिलेश मिश्रा, निदेशक कृषि नितिन कुमार सिंह सहित वरीय पदाधिकारियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में किसानों ने अपने कृषि में नवाचार तथा सुविधाओं की चर्चा की.
मशरूम उत्पादक महिला किसान दीपिका कुमारी, सूर्यगढ़ा प्रखंड ने बताया कि 10 कट्टा में मशरूम की खेती करती है. तथा लगभग 6 लाख सलाना आमदनी प्राप्त करती है. उन्होने मशरूम उत्पादन के लिए स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन तथा बाजार की सुविधा की मांग की. मंत्री ने बाजार समिति में मशरूम बेचने के लिए स्थान देने का निर्देश दिया.
जैविक खेती करने वाले किसान चंद्रशेखर महतो और श्री राजेंद्र महतो ने जैविक खेती और प्राकृतिक खेती से सब्जी उत्पादन के बारे में बताया तथा जैविक रूप से उत्पादित सब्जी और खाद्यान्न फसलों के लिए अलग से बाजार की सुविधा तथा रेट की माँग की.
बड़हिया के प्याज उत्पादक किसान ने प्याज के भंडारण की मांग की। सचिव कृषि ने खरीफ मौसम में प्याज उत्पादन के लिए प्रेरित किया तथा बताया कि सरकार के द्वारा 4.5 लाख रूपये तक प्याज भंडारण के लिए अनुदान की व्यवस्था की गई है. माननीय मंत्री ने निर्देश दिया कि जो भी किसान प्याज के भंडारण के लिए आवेदन करेंगे उन्हें सरकार की योजना से आच्छादित किया जाएगा.
बीज उत्पादक किसान मंजीत कुमार ने अनुरोध किया कि बिहार राज्य बीज निगम को किसानों द्वारा उत्पादित बीज का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भुगतान तत्काल किया जाय तथा बीज की गुणवत्ता की जांच के उपरांत अतिरिक्त 20 प्रतिशत का भुगतान किया जाय. मंत्री ने बिहार राज्य बीज निगम के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिया कि बीज उत्पादक किसान द्वारा बीज जमा करने पर तुंरत भुगतान किया जाय.
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज का बिहार, आत्मनिर्भर बिहार बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान कल्याण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि यांत्रिकीकरण योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, और किसान क्रेडिट कार्ड कृ ने हमारे किसानों को आत्मबल और आर्थिक शक्ति दी है.
उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम सिर्फ सम्मान का नहीं, आपके संघर्ष को सलाम करने का दिन है. उन्होंने कहा कि खेती आसान नहीं है. बदलते मौसम, लागत का बोझ, बाजार की चुनौतियाँ सब कुछ का सामना हमारे किसान करते है.
लखीसराय में बनेगा आधुनिक कृषि बाजार
लखीसराय में एक अत्याधुनिक कृषि बाजार की स्थापना की जायेगी जिसमें लखीसराय के साथ-साथ आस-पास के जिलों के किसान भी अपनी फसल अच्छे दाम पर बेच पायेंगे।ल. इसके लिए लखीसराय कृषि उत्पादन बाजार समिति को 15 करोड़ की लागत से आधुनिक बाजार में परिवर्तित किया जायेगा. इस आधुनिक बाजार में कोल्ड स्टोरेज, गोदाम एवं सभी अत्याधुनिक तकनीक से युक्त मार्केट प्लेटफार्म भी होगा. जिसके माध्यम से किसान ऑनलाइन भी अपनी फसल बेच पायेंगे जिससे किसानों को काफी ज्यादा मुनाफा होगा. खेती के लिए बीज सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है अगर अच्छा बीज होगा तो फसल भी अच्छी होगी. इसलिए अब सरकार द्वारा लखीसराय में ही बीज उत्पादन का कार्य किया जायेगा. इसके लिए 1 करोड़ 50 लाख की लागत से हलसी कृषि फार्म में सीड हब की स्थापना की जायेगी. बीज का प्रोसेसिंग भी यहीं होगा पैकेजिंग का कार्य भी यहीं होगा. इससे यहां के किसानों को शुद्ध बीज कम से कम दाम पर आसानी से उपलब्ध होगा. जो किसान बीज उत्पादन करना चाहेंगे सरकार इनको पूरी सहायता भी करेगी. दलहन बीज उत्पादन के लिए पैसा भी मिलेगा और बीज भी सरकार खरीद लेगी.
बदलते मौसम को देखते हुए अब सिर्फ धान एवं गेंहू दलहन की पारंपरिक खेती करने से ही लाभ नहीं होगा. बल्कि अब आपको ज्यादा लाभ के लिए ज्यादा से ज्यादा बागवानी फसलों की खेती करनी होगी. सब्जी की खेती, फल की खेती, फूल की खेती से काफी ज्यादा लाभ आप कमा सकते है. इसलिए लखीसराय में बागवानी फसलों की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता का बिचड़ा एवं पौधा उपलब्ध कराने के लिए 1 करोड़ 4 लाख रूपये की लागत से हलसी कृषि फार्म में प्लग नर्सरी की स्थापना करने का निर्णय लिया है. इस प्लग नर्सरी के माध्यम से किसानों को अच्छी गुणवत्ता का सब्जी का बिचड़ा, पौधा बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध कराया जायेगा.
उन्होंने कहा कि देश में शहद उत्पादन से आज किसान लाखों की कमाई कर रहे हैं. जिन किसानों के पास ज्यादा जमीन नहीं है वो भी शहद उत्पादन से लाखो कमा सकते है. हमारे लखीसराय में भी शहद उत्पादन की असीम संभावनाएं है. लखीसराय के चानन एवं सूर्यगढ़ा प्रखंड के जंगली क्षेत्रों में वाइल्ड शहद का उत्पादन किया जा सकता है. वाइल्ड शहद का मूल्य सामान्य शहद से काफी अधिक होता है. विभाग शहद उत्पादन, उसकी प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग व्यवस्था बनाने में जुटी है. श्री सिन्हा ने कहा कि खेती में उर्वरक भी बहुत महत्वपूर्ण है. अभी तक लखीसराय जिले को यूरिया डीएपी खाद बाहर के जिलों से मिलता था। लखीसराय में रेल रैक प्वांइट नहीं रहने के कारण काफी परेशानी होती है. इसलिए हमने निर्णय लिया है कि लखीसराय में रैक प्वांइट बनाया जायेगा. ताकि कंपनी से खाद सीधे लखीसराय पहुंचे और किसानों को आसानी से समय पर उपलब्ध हो सके. लखीसराय में रेल रैक प्वांइट की स्थापना के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कराकर भारत सरकार को लिख दिया है. जल्दी ही लखीसराय में रेल रैक प्वांइट बन जायेगा.
उन्होंने कहा कि लखीसराय जिले में पिछले वर्ष किसानों को 7 हजार 4 सौ 12 क्विंटल दलहनी एवं तेलहनी फसलों का बीज अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया गया था. इस वर्ष उससे दोगुने किसानों को बीज उपलब्ध कराया जायेगा. अब बीज समय से पहले उपलब्ध होगा ताकि आप समय पर उसकी बुवाई कर सके. जितने किसानों को यंत्र की आवश्यकता होगी. सभी को कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जायेगा. ज्यादा से ज्यादा संख्या में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना की जायेगी ताकि जिनकी क्षमता कृषि यंत्र खरीदने की नहीं है वो इस यंत्र बैंक से कम भाड़े पर यंत्र लेकर खेती कर सके.
बागवानी योजना के तहत बड़ी मात्रा में आम, टिश्यू कल्चर केला, पपीता एवं अंजीर आदि के पौधे लखीसराय के किसानों को उपलब्ध कराये जायेगे. इसी तरह मशरूम उत्पादन, मसाला की खेती, फूल की खेती, मधुमक्खी पालन, सब्जी बीज, सब्जी का विचड़ा भी किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा. कम पानी में अधिक खेती के लिए सूक्ष्म सिंचाई यानी ड्रीप सिंचाई स्प्रींकलर सिस्टम आदि बड़े पैमाने पर लखीसराय के किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा. जल एवं भूमि संरक्षण की योजना अंतर्गत लखीसराय जिले में बड़े पैमाने पर जल संचयन तालाब, कुआं आदि का निर्माण कराया जायेगा.
