Ranchi: बोकारो के लुगू पहाड़ के जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सोमवार अहले सुबह मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ में 3 टॉप नक्सली समेत 8 नक्सली मारे गए. इनमे 1 करोड़ के इनामी नक्सली विवेक भी इस मुठभेड़ में मारा गया. विवेक सेंट्रल कमेटी मेंबर था. 150 जवान 2 घँटे में डाकाबेड़ा अभियान चलाकर नक्सलियों को मार गिराया. केंद्रीय कमेटी सदस्य विवेक उर्फ प्रयाग मांझी, सहदेव सोरेन के साथ 20 से 25 सशस्त्र माओवादियों की जमावड़े की सूचना मिली थी. सूचना पर 209 कोबरा, बोकारो पुलिस, झारखंड जगुआर एवं सीआरपीएफ लूगु पहाड़ इलाके में एक विशेष संयुक्त अभियान “डाकाबेड़ा” चलाया. सुबह लगभग 5:30 से माओवादियों के दस्ते के साथ सुरक्षाबलों की कई बार मुठभेड़ हुई है. मुठभेड़ के दौरान 8 नक्सली को मार गिराया. मुठभेड़ के बाद सर्च के दौरान 5.56 एमएम का 4 इंसास राईफल, 1 एसएलआर, 1 सिक्सर, 8 देशी हथियार समेत अन्य समान सुरक्षाबलों ने बरामद किया है.
मारे गए नक्सली में धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र के दलुबुढ़ा निवासी 1 करोड़ के इनामी सेंट्रल कमिटी मेंबर प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा उर्फ लेतरा, बिहार के जमुई जिले के सोनो थाना क्षेत्र के भेलवा मोहनपुर निवासी 3 लाख का इनामी सैंक सदस्य अरविंद यादव उर्फ अविनाश, गिरीडीह जिले पीरटांड़ थाना क्षेत्र के करन्दो निवासी 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर साहेबराम मांझी, गारण्डो निवासी महेश मांझी उर्फ मोटा, उर्फ डोरा, खुखरा थाना क्षेत्र के रहने वाले गंगाराम उर्फ पवन लंगरा, निमियाघाट थाना क्षेत्र के बंदखारो निवासी तालो दी (बिनोद की बहन) और डुमरी थाना क्षेत्र के मंझलाडीह निवासी रंजु मांझी उर्फ संथाली के रूप में पहचान की गई है.

मारे गए नक्सली के विरुद्ध दर्ज है 203 मामले

प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा उर्फ लेतरा के विरूद्ध बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, लोहरदगा, चाईबासा में 37, अरविंद यादव उर्फ अविनाश के विरूद्ध 85, सहेबराम मांझी के विरूद्ध बोकारो, गिरिडीह एंव धनबाद में 45, गंगाराम उर्फ पवन लंगरा के विरूद्ध 20, महेश के विरूद्ध 4, तालो दी के विरूद्ध 1 और महेश मांझी उर्फ मोटा, उर्फ डोरा, के विरूद्ध 1 मामले दर्ज है.

आज का मुठभेड़ एक चेतावनी भी है, और उपलब्धि भी: डीजीपी

माओवादी के गढ़ में घुसकर आठ नक्सली को मार गिराया. हथियार भी बरामद हुए है. तीन टॉप नक्सली जिसमे विवेक, अरविंद यादव, साहबराम मांझी मारे गए. इस ऑपरेशन के श्रेय जेजे, सीआरपीएफ और जिला पुलिस को जाता है. इन लोगों में जॉइंट ऑपरेशन चलाया. 5:30 मिनट पर पहला फायर हुआ करीब डेढ़ से दो घँटे तक चला. हमने वादा भी किया था कि शहीद जवानों का बदला भी लेंगे. और नक्सलियों को झारखंड से उखाड़कर फेक देंगे.
आज की तारीख में हर उग्रवादी की पूरी जानकारी भी उपलब्ध है. और इसका लोकेशन भी हमे प्राप्त है. सफलता के साथ वार्निंग भी उनलोगों को क्योंकि अभी भी हथियार उठाकर घूम रहे है, राज्य में. जल्द से जल्द सरेंडर कर जाइये, आपके बारे मे हर चीज जानते है, कहाँ जाते, कहाँ बैठते हो, कहाँ खाते हो, कहाँ वसूली करते हो सब हमे पता है. इसलिए जो बचे खुचे खासकर जो चाइबासा के सारंडा के नक्सली है उसको मीडिया के माध्यम से अपील भी करना चाहता हूं, वार्निंग भी देना चाहता हूं. यदि आपको अपनी जान प्यारी है, यदि आप इस देश मे राज्य में शहर में जिले में अमन चैन शांति चाहते हो तो आप ज़रेन्द्र कीजिये, झारखंड राज्य सुंदर सरेंडर पॉलिसी बनी है. जो सरेंडर करते है उनको नियमित जेलों में नही रखा जाता है. उनके लिए स्पेशल जेल बना हुआ है. और जो भी इनाम का रकम रखा गया है. वो उन्ही को प्राप्त होता है. शिक्षा, घर केस लड़ने के लिए अनेकों प्रकार की सुविधा हम देते है. आज का मुठभेड़ एक चेतावनी भी है, और उपलब्धि भी.

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