Patna: भारत निर्वाचन आयोग ने पारदर्शिता को मजबूत करने और मतदान केंद्रों पर सूक्ष्म से सूक्ष्म कदाचार का भी पता लगाने के लिए एवं यदि आवश्यक हो तो पुनर्मतदान की सिफारिश करने हेतु फॉर्म 17ए और अन्य मतदान-दिवस के दस्तावेजों की मतदान के बाद की जांच पर समेकित निर्देश जारी किए गए. सभी उम्मीदवारों को जांच की तारीख, समय और स्थान के बारे में अग्रिम रूप से सूचित कर दिया गया था. आयोग द्वारा नियुक्त 121 रिटर्निंग अधिकारियों (RO) और 121 सामान्य पर्यवेक्षकों (GO) की उपस्थिति में बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में मतदान वाले सभी 121 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में दस्तावेजों की जांच सुचारू रूप से संपन्न हुई. लगभग 455 उम्मीदवारों या उनके एजेंटों ने भी इस जांच प्रक्रिया में भाग लिया. जांच के बाद किसी भी मतदान केंद्र पर कोई विसंगति, कदाचार नहीं पाया गया और बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में कोई पुनर्मतदान अनुशंसित नहीं किया गया. संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई और जांच के बाद, फॉर्म 17ए और संबंधित सामग्री को आरओ की मुहर से दोबारा सील कर दिया गया.

बता दे कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदाताओं ने रिकार्ड 66.66 प्रतिशत मतदान हुआ था. पहले चरण में 122 महिला प्रत्याशी समेत 1314 प्रत्याशी के भाग्य का फैसला होना है. राज्य के 18 जिलों के 121 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ, जिनमें मतदाताओं की संख्या 3.75 करोड़ से अधिक है.

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