Patna: बिहार में किरायानामा निबंधन को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है. मकान मालिक और किरायेदार के बीच कानूनी समझौते के लिए यह जरूरी है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार, वर्ष 2018 से 2025 तक 4 हजार 811 लोगों ने किरायानामा निबंधित कराया है. पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े को देखें, तो सबसे ज्यादा वर्ष 2023 में 842 लोगों ने निबंधन कराया है.

व्यावसायिक भवनों का किरायानामा अधिक

विभागीय अधिकारी के मुताबिक, किरायानामा सभी तरह के आवासीय, व्यावसायिक या औद्योगिक भवनों के लिए किया जाता है. हालांकि, प्रदेश में आवासीय भवनों की तुलना में व्यावसायिक भवनों का किरायानामा अधिक होता है. आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 में 643, 2019 में 678, 2020 में 266, 2021 में 430, 2022 में 702, 2023 में 842, 2024 में 607 और 2025 में अब तक 643 किरयानामा दस्तावेजों का निबंधन हुआ है.

किरायानामा के फायदे

निबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत किराए पर दी जाने वाली संपत्ति का निबंधन अनिवार्य है. यह मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों की रक्षा करता है. किरायानामा में दर्ज शर्तों का किरायेदार उल्लंघन नहीं कर सकता है. यदि ऐसा होता है तो किरायानामा को मकान मालिक, किरायेदार या दोनों की सहमति से रद्द किया जा सकता है.

स्टाम्प शुल्क में भारी छूट

निबंधित किरायानामा एक प्रमाणित दस्तावेज के रूप में मान्य होता है. इसके लिए सरकार किराए के मूल्य का मात्र 0.5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लेती है. यह सुविधा सभी जिलों के निबंधन कार्यालयों में और ऑनलाइन भी उपलब्ध है. निबंधन के लिए मकान मालिक और किरायेदार दोनों के आधार कार्ड या वोटर आईडी और फोटो अनिवार्य हैं.

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