Patna: राज्य में 1 करोड़ युवाओं को नए रोजगार देने की घोषणा को सरकार ने अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए विकास आयुक्त की अध्यक्ष में 12 सदस्यता कमेटी का गठन किया गया है. इसमें श्रम संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया है. जबकि वित्त, सामान्य प्रशासन विभाग, कृषि, ग्रामीण विकास विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, उद्योग, सूचना एवं प्रावैधिकी और शिक्षा विभाग के प्रमुखों को इसका सदस्य बनाया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी. इसकी जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में कही.
डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि 1 करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने के इस निर्णय में सरकारी नौकरी और स्व-रोजगार समेत अन्य सभी तरह के रोजगार शामिल हैं. इसका मकसद युवाओं को आर्थिक संबल दिलाना है. नए रोजगार के सृजन से राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. इससे निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे और निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि नई नौकरी या रोजगार सृजन के लिए सभी संभावनाओं एवं विकल्पों पर विचार करते हुए राज्य सरकार को यह उच्च स्तरीय समिति परामर्श देगी. उन्होंने कहा कि बम निरोधक दस्ता के कर्मियों को मूल वेतन का 30 फीसदी प्रतिमहीने जोखिम भत्ता यानी अधिकतम 25 हजार रुपये प्रति महीने की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने कहा कि बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना-2005 को स्वीकृति दी गई है. इस योजना के तहत करदाताओं की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके आश्रित को 5 लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी. यह योजना केंद्रीय जीएसटी के करदाताओं को भी लाभ होगा. इसके अलावा बिहार न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों को 1 जनवरी 2016 से राज्य कर्मियों के अनुरूप वार्षिक वेतनवृद्धि की स्वीकृति दी जाती है.

बीएलओ के मानदेय में बढ़ोत्तरी

डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि मतदाताओं के विशेष गहन पुनर्निरीक्षण कार्य समेत अन्य कार्य में लगे बीएलओ (बूथ स्तरीय कर्मचारी) और बीएलओ सुपरवाइजर के मानदेय में एक मुश्त छह हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है. वर्तमान में बीएलओ सुपरवाइजर की संख्या 8 हजार 245 और बीएलओ की संख्या 77 हजार 895 है. उन्होंने कहा कि वित्तरहित शिक्षा नीति की समाप्ति के बाद मापदंड पूर्ण करने वाले स्थापना अनुमति तथा प्रस्वीकृति प्राप्त अनुदानित माध्यम विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालय (इंटर महाविद्यालय) के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को सहायक अनुदान के लिए 394 करोड़ 41 लाख 24 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि को जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गई है.
उन्होंने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना अंतर्गत प्रायोरिटी कॉरिडोर के 2 वर्ष 8 महीने (अगस्त 2025 से मार्च 2028 तक) की अवधि के रख-रखाव कार्य के लिए 179 करोड़ 37 लाख रुपये नामांकन के आधार पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को देने पर सहमति बनी है. प्रायोरिटी कॉरिडोर के कार्यान्वयन के लिए 3 कार सिंगल ट्रेनसेट को किराए पर लेने के लिए 3 वर्षों के लिए 21 करोड़ 15 लाख रुपये का अनुमोदन प्रदान किया गया है.

पोलटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज को मिलेगा उपकरण

इसके अलावा सात निश्चय कार्यक्रम के तहत विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीन संचालित 46 राजकीय पॉलिटेकनिक संस्थानों के कर्मशाला एवं प्रयोगशाला में आवश्यकता आधारित मशीनें या उपकरण या उपस्कर या कंप्यूटर आदि की खरीद और इन्हें लगाने के लिए 80 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. वहीं, 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों के कर्मशाला एवं प्रयोगशाला में आवश्यकता आधारित मशीनें समेत अन्य की खरीद के लिए 90 करोड़ रुपये जारी की गई है.

पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का होगा आधुनिकीकरण

कैबिनेट ने पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तारीकरण, नवीकरण और आधुनिकीकरण कार्य के लिए 7832 करोड़ 29 लाख रुपये दी गई है. इस योजना के अंतर्गत पश्चिमी कोसी मुख्य नहर के 35 किमी (नेपाल भाग) तक एवं भारतीय भाग में आवश्यकतानुसार पश्चिमी कोसी मुख्य नहर और क्षतिग्रस्त संरचनाओं का नवीकरण और आधुनिकीकरण कार्य, क्रॉस ड्रेनेज संरचनाओं, गेट और क्षतिग्रस्त संरचनाओं को बनाने के लिए यह राशि जारी की गई है. इससे दरभंगा के 16 प्रखंड और मधुबनी के 20 प्रखंड को लाभ होगा.

प्रत्याभूति मोचन निधि का गठन

भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श राज्य सरकार की गारंटी पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं समेत अन्य को दिए गए ऋणों के लिए राज्य सरकार की तरफ से प्रत्याभूति मोचन निधि का गठन किया गया है. कैबिनेट ने केंद्र प्रायोजित अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत 2.0) अंतर्गत दानापुर जलापूर्ति परियोजना के लिए 99 करोड़ 9 लाख 63 हजार की स्वीकृति दी गई है. मुंगेर (सफियाबाद)-बरियारपुर-घोरघाट-सुल्तानगंज (लंबाई 42 किमी) गंगा पथ परियोजना को हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) पर क्रियान्वित कराने के लिए 5 हजार 119 करोड़ 80 लाख रुपये की स्वीकृति दी है. सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर (लंबाई 40.80 किमी) गंगा पथ परियोजना को भी एचएएम के तहत क्रियान्वित कराने के लिए 4 हजार 849 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. बख्तियारपुर से ताजपुर को जोड़ने वाली गंगा नदी पर निर्णाधीन 4 लेन पुल और पहुंच पथ को पूर्ण करने के लिए 3 हजार 923 करोड़ रुपये की अनुमति प्रदान की गई है.

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