Patna: उत्तर बिहार के ड्रीम प्रोजेक्ट में एक सीतामढ़ी से अयोध्या रेल लाइन दोहरीकारण को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में अयोध्या से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी तक 4,553 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण का फैसला केन्द्रीय कैबिनेट ने लिया है. इसमें नरकटियागंज रेल लाइन का दोहरीकरण भी किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट चार साल के अंदर पूरा किया जायेगा. यह रेल लाइन नेपाल बॉर्डर के करीब बनेगी. इससे प्रोजेक्ट के पूरा होने से मुजफ्फरपुर, मिथिलांचल, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जैसे शहर जुड़ेंगे. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से कनेक्टिविटी आसान होगी. नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर सेक्शन के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी. साथ ही मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी आसान होगी, जिससे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा. मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से दो महत्वाकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे 388 गांवों और लगभग नौ लाख लोगों को सेवा मिलेगी.
अयोध्या से सीतामढ़ी तक रेलवे लाइन के दोहरीकरण का फैसला स्वागतयोग्य :- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा अयोध्या से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम तक रेलवे लाइन के दोहरीकरण के फैसले का स्वागत किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 सितंबर को पत्र के माध्यम से मैंने प्रधानमंत्री जी से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के लिए रेल सम्पर्कता के संबंध में अनुरोध किया था. आज अयोध्या से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी तक 4,553 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण का फैसला केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. यह फैसला स्वागतयोग्य है. इस रेल मार्ग के बन जाने से श्रद्धालुओं को अयोध्या के साथ ही मॉ सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम आने में सुविधा होगी. इसके लिये मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है.