Patna: शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षकों के वेतन के संबंध में अहम निर्देश जारी किया है. शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी कोटि के शिक्षकों का समय पर वेतन भुगतान कराना प्राथमिकता है. और उनके वेतन भुगतान के बाद ही जिला स्तरीय पदाधिकारियों और अन्य कार्यालय कर्मियों (चतुर्थवर्गीय कर्मियों को छोड़कर) को वेतन दिया जाए.

शिक्षा विभाग ने जतायी चिंता

इस पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग ने चिंता जतायी है कि कई जिलों में आवंटन उपलब्ध होने के बावजूद शिक्षकों को वक्त पर वेतन नहीं मिल रहा है. जिससे शिक्षकों के परिवार पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. लिहाजा ऐसी परिस्थिति में शिक्षक सीधे मुख्यालय से संपर्क स्थापित कर रहे हैं. सभी कोटि के शिक्षकों का ससमय वेतन भुगतान करना विभाग की प्राथमिकता है. और इसकी जवाबदेही पूर्ण रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी की है.
विशेष सचिव-सह-निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि अगर किसी शिक्षक का वेतन तकनीकी कारणों – जैसे पीआरएएन, एचआरएमएस या आधार – के कारण अटका हो तो जिला शिक्षा पदाधिकारी मुख्यालय के संबंधित पदाधिकारी से संपर्क कर वेतन भुगतान कराने के लिए जिम्मेवार हैं. किसी भी शिक्षक को मुख्यालय स्तर पर वेतन से संबंधित समस्या के लिए मुख्यालय के पदाधिकारी से संपर्क करने अथवा मुख्यालय आने की जरूरत नहीं है. निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी जिले में आवंटन नहीं है तो इसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को दी जाए और दूरभाष से संपर्क कर आवश्यक बजट उपलब्ध कराया जाए. यह आदेश शिक्षकों को प्राथमिकता और सम्मान देने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है.

अपर मुख्य सचिव ने भी दिया था निर्देश

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने “शिक्षा की बात – हर शनिवार” कार्यक्रम के 13वें एपिसोड में स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया था कि जब तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा. तब तक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों (ग्रुप डी को छोड़कर) को वेतन नहीं दिया जाएगा. उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि शिक्षकों को तंग करने या वेतन रोकने की शिकायत आयी तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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