Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पुनर्विकास परियोजना (फेज-1) के तहत अस्पताल भवन के टावर (1) एवं (II) में 1117 शैय्या के अस्पताल का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पीएमसीएच के शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिए 22 फीट की प्रतीक स्वरूप निर्मित मूर्ति का भी अनावरण किया. उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित अस्पताल भवन का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अस्पताल भवन के ऊपरी तल पर जाकर आसपास के इलाकों का मुआयना किया एवं एयर एंबुलेंस के उतरने की व्यवस्था की जानकारी ली. इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने अस्पताल भवन के 9वें तल जाकर नर्स स्टेशन, स्वच्छ वस्त्र भंडार, विशिष्ट कमरा, अति विशिष्ट कमरा, नर्स कक्ष आदि का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने अस्पताल भवन के तीसरे तल का निरीक्षण कर परामर्श कक्ष, कैंसर जांच कक्ष, बांझपन क्लिनिक, कोल्पोस्कोपी क्रियाविधि कक्ष, मलिन वस्त्र भंडार आदि का मुआयना किया. लोकार्पित अस्पताल भवन के प्रथम तल पर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने उपलब्ध कराई गई आपातकालीन सेवाओं एवं सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली. निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पीएमसीएच बिहार का पहला अस्पताल है जिसके ऊपरी छत पर सीरियस मरीजों को तत्काल उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एयर एंबुलेंस के उतरने की व्यवस्था की गई है. पीएमसीएच तक एंबुलेंस एवं वाहनों के सुचारू परिचालन के लिए इसे जेपी गंगा पथ से जोड़ा जा चुका है. इसके अलावा अशोक राजपथ में निर्माणाधीन डबल डेकर रोड से भी पीएमसीएच को जोड़ा जाएगा ताकि मरीजों को ससमय चिकित्सा सेवा उपल्बध कराई जा सके.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्य में तेजी लाकर पीएमसीएच के पुनर्विकास परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण कराएं. जब यह काम पूरा हो जाएगा तो पीएमसीएच में मरीजों के लिए 5462 बेड की सुविधा होगी. इसके बन जाने से इलाज के लिए किसी मरीज को मजबूरी में बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

2027 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य, देश का बड़ा व विश्व का दूसरा बड़ा अस्पताल

बता दे कि राज्य सरकार द्वारा पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को 5462 बेड के अस्पताल एवं 250 नामांकन की क्षमता वाले चिकित्सा महाविद्यालय के रूप में उन्नयन के लिए 5 हजार 540 करोड़ रूपये की लागत राशि पर 6 दिसंबर 2018 को पुनर्विकास परियोजना की स्वीकृति दी गयी है. मुख्यमंत्री द्वारा पीएमसीएच के पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास 8 फरवरी 2021 को किया गया है. मुख्यमंत्री के द्वारा शुरू से ही कई बार परियोजना कार्य का निरीक्षण कार्य करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया गया है. 27 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री के द्वारा प्रथम चरण के अंतर्गत 550 बेड का छात्रावास, 175 वाहन का मल्टीलेवल कार पार्किंग एवं बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) एवं ब्लड सेंटर का निर्माण कार्य का उद्घाटन किया गया था. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार काफी तेजी से कार्य हो रहा है और इसे मार्च, 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है. इस परियोजना के पूर्ण होने के उपरांत यह भारत का सबसे बड़ा एवं विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जायेगा.

5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में 2500 बेड का हो रहा है निर्माण

पीएमसीएच के अलावे अन्य 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को भी 2500 बेड का किया जा रहा है. इस क्रम में दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पूर्व से उपलब्ध 1030 बेड के अलावा 330 नये बेड यानी कुल 1360 बेड, गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पूर्व से उपलब्ध 444 बेड के अलावा 623 नये बेड यानी कुल 1067 बेड, भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पूर्व से उपलब्ध 400 बेड के अलावा 810 नये बेड यानी कुल 1210 बेड, मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पूर्व से उपलब्ध 500 बेड के अलावा 705 नये बेड यानी कुल 1205 बेड तथा पटना के नालन्दा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पूर्व से उपलब्ध 400 बेड के अलावा 470 नये बेड यानी कुल 870 बेड की उपलब्धता हो गयी है. शेष बेड के लिए भी कार्य तेजी से किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर आईजीआईएमएस में अलग से 3000 बेड का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो इसी साल अगस्त में पूरा हो जायेगा. राज्य सरकार द्वारा निर्णय लेकर इस अस्पताल में रोगियों के लिए मुफ्त दवा की व्यवस्था की गयी है तथा विकास के कई काम किये गये हैं.

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