Patna: सामुदायिक स्वास्थ पदाधिकारी नियुक्ति परीक्षा में 4-5 लाख रुपये डील हुई थी. सॉल्वर गैंग परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी के मिलीभगत से धांधली कर रहे थे. बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने इसका खुलासा किया है. बिहार राज्य स्वास्थ सोसाईटी, स्वास्थ विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ पदाधिकारी की नियुक्ति के लिए 4500 रिक्तियों के विरूद्ध अधिसूचना संख्या-07/2024 निकाली गई थी. अधिसूचना के अनुसार आयोजित होने वाले सीबीटी आधारित परीक्षा दिनांक 01.12.2024 एवं 02.12.2024 को निर्धारित थी. इकाई को इस परीक्षा में धांधली होने की गोपनीय सूचना प्राप्त हुई थी. जिसके जाँच एवं सत्यापन के लिए एक टीम का गठन किया गया था. टीम के द्वारा गुप्त रूप से आसूचना संकलन में यह बात प्रकाश में आयी कि पटना में 12 ऑनलाईन परीक्षा केन्द्रों पर सीबीटी के माध्यम से एक संगठित गिरोह के द्वारा परीक्षा केन्द्रों के संचालकों, परीक्षा को संचालित करने के लिए अधिकृत कंपनी वी शाइन टेक. पीवीटी.एलटीडी. इत्यादि के साथ मिली भगत कर प्रोक्सी सर्वर, रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन के माध्यम से कुछ परीक्षार्थियों से 4-5 लाख रूपये की डील कर उनके कम्प्यूटर का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर सोल्वर गैंग के सहयोग से परीक्षा में धांधली की जा रही है. इकाई की टीम पटना के विभिन्न ऑनलाईन परीक्षा सेंटर पर 1 दिसम्बर को छापामारी की गई. छापामारी के क्रम में परीक्षा सेंटरों से प्रोक्सी सर्वर प्राप्त हुआ, जिसमें रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर अम्मी एडमिन के माध्यम से सोल्वर गैंग के द्वारा एक्सेस प्राप्त कर प्रश्नों को हल कराया जा रहा था. विभिन्न परीक्षा केन्द्रों से इस संगठित गिरोह के सदस्यों, परीक्षार्थियों, वी शाइन कंपनी के कर्मचारी, ऑनलाईन परीक्षा सेंटर के मालिक एवं अन्य कर्मियों सहित कुल 37 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही प्रोक्सी सर्वर तथा रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण को बरामद किया गया. इस संबंध में आर्थिक अपराध थाना (काण्ड सं0-28/2024) मामला दर्ज कर अग्रतर अनुसंधान प्रारंभ किया गया.
इसी क्रम में इस काण्ड के मुख्य नामजद आरोपी एवं रवि भूषण के संगठित गिरोह के प्रमुख सदस्य, आदित्य कुमार उर्फ अंशु के पटना में छिपे होने की विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई. जिसके आलोक में एक विशेष टीम का गठन कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया हैं. इनसे पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि ये अपने सहयोगियों की मदद से सामुदायिक स्वास्थ पदाधिकारी की ऑनलाईन सीबीटी परीक्षा आयोजित कराने के लिए अधिकृत कंपनी (वे शाइन टेक पीवीटी एलटीडी.), विभिन्न ऑनलाईन परीक्षा केन्द्रों के मालिकों व संचालकों एवं कर्मियों को मोटी रकम देकर उनके साथ षड्यंत्र कर, सीबीटी परीक्षा केन्द्रों को मैनेज किया था. आदित्य कुमार के द्वारा ही प्रोक्सी सर्वर को बनाया गया एवं इनके प्रयोग का प्रशिक्षण अयोध्या इन्फोसोल सीबीटी परीक्षा केन्द्र पर अन्य सभी शेष सीबीटी परीक्षा केन्द्र के परीक्षा नियंत्रक एवं आईटी स्टाफ को करवाया गया. तपश्चात आदित्य कुमार एवं उसके सहयोगियों के द्वारा विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर स्वंय ही वी शाइन टेक पीवीटी एलटीडी. का पहचान पत्र देकर अपने ही गिरोह के अन्य सदस्यों को संबधित केन्द्रों पर परीक्षा नियत्रंक, आईटी स्टॉफ के रूप में नामित कर संबंधित परीक्षा केन्द्रों में भेजा गया. इन्ही प्रशिक्षित व्यक्तियों के द्वारा मॉक टेस्ट के क्रम में परीक्षा पूर्व ही, संबंधित परीक्षा केन्द्रों के नेटवर्क में प्रोक्सी सर्वर एवं रिमोट एसेक्स सॉफ्टवेयर को डाला गया. रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर के माध्यम से इस प्रकार परीक्षा में धांधली की गई. इसके अतिरिक्त इस तथ्य की भी पुष्टि हुई कि संगठित गिरोह के सरगना रवि भूषण के द्वारा ब्रेंचाइज टेक्नोलॉजी पीवीटी. एलटीडी. नाम के ऑनलाईन परीक्षा आयोजित करने वाले कंपनी का संचालन किया जा रहा था जो कि रॉसी, मुंबई से पंजीकृत है. इस कंपनी के द्वारा माह दिसम्बर 2024 में एआईआईएमएस, मंगलागिरी आंध्र प्रदेश में भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा का टेंडर प्राप्त किया था. परंतु बिहार में परीक्षा में प्रश्न मामले के लीक में, रवि भूषण एवं अन्य अभियुक्तों का नाम आने के पश्चात् इस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. गिरोह द्वारा इस कार्य को करने के लिए किए गए रूपयों के लेन-देन से संबंधित साक्ष्य भी प्राप्त हुए है. जिनका अलग से विश्लेषण किया जा रहा है. इस संगठित गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
