Ranchi: झारखंड के राज्यपाल संतोश कुमार गंगवार सोमवार को रांची स्थित स्मार्ट सिटी सभागार में आयोजित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150वें वर्ष उत्सव में शामिल हुए. उन्होंने वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मियों को उनकी निरंतर समर्पण और सेवाओं के लिए बधाई व शुभकामनाएँ दीं. उन्होंने इनके समर्पण और तकनीकी प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी सटीक भविष्यवाणियों और तकनीकी क्षमताओं से न केवल आपदाओं के प्रभाव को कम किया है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राज्यपाल ने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग और मौसम विज्ञान केंद्र, राँची के प्रयासों ने राज्य में होने वाली गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों को कम करने में अहम भूमिका निभाई है. मौसम विज्ञान केंद्र के प्रति जनमानस का विश्वास बढ़ा है, क्योंकि इसने पंचायत स्तर तक सटीक मौसम पूर्वानुमान और जानकारी उपलब्ध कराकर आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ किया है. राज्य में समय पर मौसम की चेतावनियाँ दी गईं, जिससे स्थानीय समुदायों और आपदा प्रबंधन दलों को प्रभावी सहायता मिल सकी.
राज्यपाल ने झारखंड की कृषि अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि मौसम की सटीक जानकारी कृषि क्षेत्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है. मौसम पूर्वानुमान से किसानों को फसल चयन, सिंचाई प्रबंधन और कीट नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता मिलती है. राज्यपाल ने यह भी बताया कि झारखंड को ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है, जो राज्य की कृषि उत्कृष्टता को दर्शाता है और इसका श्रेय राज्य के किसानों के निरंतर प्रयासों को जाता है.
राज्यपाल ने पीएम के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश में हुए उल्लेखनीय प्रगति के बारे में भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों से तकनीकी क्षमताओं को सशक्त किया गया है, जिसका सीधा लाभ मौसम विज्ञान और आपदा प्रबंधन क्षेत्रों को हो रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि इन प्रयासों के माध्यम से समय पर मौसम जानकारी प्राप्त कर समाज को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाया जा सकता है.