Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को पटना समाहरणालय के नवनिर्मित भवन का उदघाटन किया. उदघाटन के पश्चात समाहरणालय परिसर एवं बेसमेंट का मुआयना किया. नवनिर्मित समाहरणालय भवन के बेसमेंट, भूतल से लेकर पांचवे तल तक उपलब्ध कराई गई सुविधाओं एवं पदाधिकारियों के बैठने के लिए की गयी व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों ने ‘मॉडल’ के माध्यम से मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी. नवनिर्मित पटना समाहरणालय परिसर के एक हिस्से में मुख्य प्रवेश द्वार के समीप, पटना समाहरणालय के पुराने भवन के अंश (8 खंभों) को लोहे के फ्रेम में संरक्षित किए गए क्षेत्र का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाहरणालय भवन के पुराने हिस्से को काफी बेहतर ढंग से संजोया गया है. पटना समाहरणालय में आनेवाले लोग इस खुले क्षेत्र में हरियाली के बीच आराम से बैठकर अपना कुछ समय व्यतीत कर सकेंगे. समाहरणालय परिसर में मुख्यमंत्री ने पौधारोपण भी किया.
समाहरणालय भवन के पांचवे तल पर पहुँचकर मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों के बैठने की व्यवस्था का जायजा लिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के नए कार्यालय कक्ष में पहुंचकर उन्हें कुर्सी पर बैठाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आप सभी इस नवनिर्मित समाहरणालय भवन के अपने-अपने कार्यालयों में बैठकर लोगों की समस्याओं का निष्पादन करें. इसके बन जाने से लोगों को भी काफी सहूलियत मिलेगी. एक ही जगह प्रशासनिक कार्य निष्पादित होने से लोगों को भागदौड़ से निजात मिलेगी. समाहरणालय भवन के ऊपरी तल पर जाकर मुख्यमंत्री ने आस-पास के इलाकों का भी मुआयना किया.
मुख्यमंत्री ने समाहरणालय भवन के पांचवें तल पर स्थित मुख्य सभागार में समीक्षात्मक बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष भवन निर्माण विभाग द्वारा नवनिर्मित समाहरणालय भवन के संबंध में तैयार की गई लघु फिल्म प्रदर्शित की गई. नए समाहरणालय भवन के निर्माण में अहम योगदान देनेवाले पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों, कर्मियों को मुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हे सम्मानित किया.
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आज पटना समाहरणालय के नवनिर्मित भवन का उदघाटन करके काफी प्रसन्नता हो रही है. हमने इसके लिए काफी प्रयास किया था और हम जैसा चाहते थे, वैसा ही यह भवन बनकर तैयार हो गया है. इस तरह का समाहरणालय भवन देश में कही नहीं है. अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका रख-रखाव ठीक ढंग से हो इसका विशेष रूप से ख्याल रखें. पटना समाहरणालय भवन का काफी सुंदर तरीके से निर्माण हुआ है. यहां सौर ऊर्जा अधिष्ठापित होने से काफी फायदा होगा, इससे बिजली की बचत होगी. आज हमने जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह को उनके नए कार्यालय में बैठा दिया है. ससमय लोगों की समस्याओं का निष्पादन करना आप सभी का दायित्व है. यहां उपस्थित कई वरीय अधिकारी भी पूर्व में पटना के जिलाधिकारी रह चुके हैं. मेरी यही अपेक्षा है कि आप सभी बेहतर, पारदर्शी एवं तीव्र गति से लोगों की समस्याओं का निराकरण करें.
बता दे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2017 में नए समाहरणालय भवन का निर्माण कराये जाने को लेकर स्थल निरीक्षण किया था जिसके बाद वर्ष 2018 में इसको लेकर स्वीकृति प्रदान की गई और वर्ष 2020 में पटना समाहरणालय भवन का शिलान्यास किया गया. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 186 करोड़ 42 लाख रुपए से भवन निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई. वैश्विक कोरोना महामारी और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने के कारण इसका निर्माण कार्य वर्ष 2022 में प्रारम्भ हुआ. इसके बाद करीब डेढ़ साल के अंदर समाहरणालय भवन का निर्माण कार्य पूरा किया गया. इस नए समाहरणालय भवन में बेसमेंट, भूतल के अलावा पांच तल हैं जहां 205 वाहनों को रखने की क्षमता वाली ओपेन पार्किंग के अलावा 240 वाहनों की क्षमता की बेसमेंट पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है. पुराने पटना समाहरणालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में पटना उच्च न्यायालय के द्वारा याचिका सुनवाई के क्रम में की गयी अनुशंसा के आलोक में पुराने भवन के अंश (8 खंभों) को लोहे के फ्रेम मे संरक्षित रखा गया है. डच वास्तुकला के प्रतीक ये खंभे ईंट से बने हैं जिन्हें यहाँ प्रदर्शित किया गया है.