Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महिला का साथ मिलना काफी महत्वपूर्ण है. इनका साथ ही परिणाम तय करेगा. नए आंकड़े के अनुसार बिहार में कुल वोटरों की संख्या में महिलाओं की संख्या 48 प्रतिशत हो गयी है. विगत एक वर्ष में महिला वोटरों की संख्या में 15 लाख की बढ़ोतरी हुई है. नीतीश कुमार ने महिलाओं का दिल शराब पर लगाम लगाकर जीत लिया है. साथ ही स्कूल-कॉलेज जाने वाली बच्चियों के लिए भी कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं. चुनाव के पहले ही कई नई घोषणाएं भी हो चुकी हैं. इस तरह से एनडीए ने इस मामले में लीड ले रखी है. हालांकि मतदाताओं के रुख की हकीकत 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आ पाएगी. लेकिन लगता है कि एक बार फिर बिहार में महिला मतदाताओं का रुख ही बिहार की अगली सियासी तस्वीर का फैसला करने जा रहा है.
मतदान में महिलाएं ले रही है बढ़-चढ़कर हिस्सा
एनडीए गठबंधन ने महिलाओं को लुभाने की जी-तोड़ कोशिश की है. राज्य में करीब साढ़े तीन करोड़ महिला वोटर हैं. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की महिला मतदाताओं के करीब 22 फीसद को दस-दस हजार रुपये की रकम दी जा चुकी है. इस योजना के तहत राज्य की एक करोड़ 21 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा. जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 1.40 करोड़ दीदियां बड़े वोट बैंक के रूप में है ही. फायदा दिया जाना है. महिला बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा ले रही हैं. बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जहां 59.69 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने मतदान किया था, वहीं पुरुषों का प्रतिशत महज 54.45 प्रतिशत ही था. वर्ष 2010 के विधानसभा चुनावों से ही बिहार में महिलाएं केंद्र में हैं. तब जहां 51.12 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया था, वहीं महिलाओं ने इससे कहीं ज्यादा यानी 54.49 प्रतिशत हिस्सेदारी की थी. इसी तरह 2015 के विधानसभा चुनाव में भी पुरुषों से आगे 60.48 फीसद महिलाओं ने वोट डाले थे. बिहार में इस बार करीब साढ़े तीन करोड़ महिला मतदाता हैं, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 3.92 करोड़ है. इस बार भी बिहार की अगली सरकार के गठन में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
