Ranchi: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार शनिवार को हजारीबाग के मेरु स्थित रानी झाँसी परेड ग्राउंड में सहायक प्रशिक्षण केन्द्र सीमा सुरक्षा बल द्वारा आयोजित दीक्षांत परेड में नव आरक्षकों (बैच संख्या 163 एवं 164) को संबोधित किया. इस गौरवपूर्ण अवसर पर राज्यपाल ने प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले जवानों को हार्दिक बधाई दी और उनके समर्पण एवं अनुशासन की सराहना की. नव आरक्षकों के परिवारजनों को भी बधाई देते हुए कहा कि उनके सहयोग और प्रेरणा के बिना यह सफलता संभव नहीं थी. उन्होंने कहा कि भारत माता की सेवा और सुरक्षा हमारे जवानों की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उनके समर्पण के कारण देशवासी सुरक्षित महसूस करते हैं.

राज्यपाल ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल का गौरवशाली इतिहास रहा है. उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में इस बल की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि बल का अदम्य साहस सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा. उन्होंने बल के शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सर्वोच्च बलिदान को अविस्मरणीय बताया. व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनकी भी सैन्य सेवा में जाने की प्रबल इच्छा थी, वे एनसीसी से जुड़े थे, लेकिन कुछ कारणों से सेना में नहीं जा सके. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में राष्ट्रप्रेम और अनुशासन का जो जज़्बा देखने को मिलता है, वह अन्यत्र कहीं नहीं. उन्होंने नव आरक्षकों को कठिन-से-कठिन परिस्थितियों में साहस और कर्मठता का परिचय देते हुए हर चुनौती का सामना करने और बल की प्रतिष्ठा को ऊँचाइयों तक ले जाने की प्रेरणा दी.

राज्यपाल ने कहा कि इस उत्कृष्ट संस्थान से प्राप्त बहु-आयामी प्रशिक्षण से नव आरक्षकों की कार्यकुशलता और व्यक्तित्व में आशातीत वृद्धि होगी, जिससे वे सीमा सुरक्षा बल में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करेंगे. उन्होंने दीक्षांत परेड के सफल आयोजन के लिए सभी प्रशिक्षकों और जवानों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं.

By Jha

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